Herbal Hills Barley Grass

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Acid Reflux
तुलसी (Basil) के गुणों से कौन वाकिफ़ नहीं है? पवित्र तुलसी के पौधे को हर्ब्स (Herbs) या जड़ीबूटियों की मलिका भी कहा जाता है. इसके बहुमूल्य गुणों की वजह से इस पौधे की घर घर में पूजा की जाती है ताकि घर में सुख समृद्धि का वास रहे तथा रोग बिमारियाँ आदि दूर रहे. औषधिय गुणों की वजह से इस तुलसी को घर में लगाया जाता है. तुलसी के जादुई गुणों का औषधि के रूप में प्रयोग लगभग पांच हज़ार पहले से किया जा रहा है जिसमें मन, शरीर और आत्मा के उपचार का गुण पाया जाता है.

धार्मिक दृष्टि से ही नहीं अपितु सेहत के लिए भी तुलसी के लाभ (Tulsi ke labh in Hindi) अनेक हैं. तुलसी के प्रयोग से स्वास्थ्य सम्बन्धी कई तरह की समस्याएँ सुलझ जाती हैं. आयुर्वेद में तुलसी की पत्तियों (Basil leaves) को चबाने के कई लाभ बताये गए हैं.
गले की खराश
चाय की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है। इस पानी को आप गरारा करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों में बुखार, खांसी और उल्टी जैसी सामान्य समस्याओं में तुलसी बहुत फायदेमंद है।
 
श्वास की समस्या
श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।

गुर्दे की पथरी
तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है। यदि किसी के गुर्दे में पथरी हो गई हो तो उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का नियमित सेवन करना चाहिए। छह महीने में फर्क दिखेगा।
 
हृदय रोग
तुलसी खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है।
 
तनाव
तुलसी की पत्तियों में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं। हाल में हुए शोधों से पता चला है कि तुलसी तनाव से बचाती है। तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है।
 
संक्रमण और त्वचा रोग
अल्सर और मुंह के अन्य संक्रमण में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद साबित होती हैं। रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है। दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है। नैचुरोपैथों द्वारा  ल्यूकोडर्मा का इलाज करने में तुलसी के पत्तों को सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया गया है।

सांसों की दुर्गध
तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर दांत साफ करने से सांसों की दुर्गध चली जाती है। पायरिया जैसी समस्या में भी यह खासा कारगर साबित होती है। सिर के दर्द में तुलसी एक बढि़या दवा के तौर पर काम करती है। तुलसी का काढ़ा पीने से सिर के दर्द में आराम मिलता है। आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत कारगर साबित होता है। रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए।

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