गन्ने का रस पीने के फायदे और नुकसान

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गर्मियों का मौसम आते ही हमें जगह-जगह पर गन्ने के रस के ठेले और गन्ना बेचने वाले दिखाई देने लग जाते हैं और हम इसका सेवन बड़े चाव से स्वाद लेकर करते है। यह एक मीठा पौधा होता है जिससे गुड़ एवं शक्कर बनाई जाती है और इसका उपयोग केवल पेय पदार्थ के तौर पर ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य सम्बन्धी पेय एवं दवा के रूप में  भी किया जाता है।

गन्ने का रस Sugarcane Juice पीने में सभी को आनंद मिलता है। विशेषकर गर्मी के मौसम में एक गिलास गन्ने का रस बहुत सुकून देता है। इससे थकान मिट जाती है और अच्छा महसूस होता है। गन्ने के रस में  मौजूद फ्लेवोनॉइड तथा फेनोलिक नामक एंटीऑक्सीडेंट बहुत लाभदायक होते है। इनमे एंटी-वाइरल, एंटी-एलर्जिक, एंटी-ट्यूमर जैसे गुण होते है अतः गन्ने का रस पीने से एंटीऑक्सीडेंट का बहुत लाभ मिलता है। ये फ्री रेडिकल का सन्तुलन बनाये रखने में मदद करते है तथा उम्र के प्रभाव और कैंसर आदि रोग से बचाव करते है। इस प्रकार ह्रदय, गुर्दे, दिमाग तथा प्रजनन अंगों को होने वाले नुकसान से बचाते है।

भारत में गन्ने का रस बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाता है क्योंकि यहाँ गन्ने की पैदावार बहुत होती है। भारत गन्ने का विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू और आंध्रप्रदेश आदि राज्यों में में गन्ना ज्यादा होता है। कुल उत्पादन का लगभग 90 % गन्ना इन्ही राज्यों में होता है। गन्ने को ईख या सांठा भी कहते है।



आइये इस लेख में  हम जानते है गन्ने के रस का सेवन करने के क्या फायदे और क्या नुकसान होते हैं -

1) गन्ना कहाँ  पाया जाता है और इसकी उपज कैसे होती है

गन्ने का उत्पादन गर्म जलवायु अर्थात उपोष्ण प्रकार के देशों में होता है। गन्ने की फसल साल में दो बार बोई जा सकती है एक फरवरी से मार्च के बीच तथा दूसरी बुवाई का समय सितम्बर से अक्टूबर के बीच होता है। सम्पूर्ण विश्व में भारत में सर्वाधिक गन्ने का उत्पादन होता है तथा विश्व में सर्वधिक चीनी का उत्पादन ब्राजील नामक दक्षिण अमेरिकी देश में होता है, इसमें भारत का स्थान दूसरा है। 

2) गन्ने का रस कैसा बनता है

गर्मियों के मौसम में स्थान-स्थान पर गन्ने का रस बेचने वाले ठेले हमें देखने को मिल जायेंगे लेकिन इन ठेले पर स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाता हो इसकी कोई गारंटी नहीं होती है और वहा पर गन्ने का जूस का सेवन करने से आप रोगमुक्त होने के बजाय रोगयुक्त हो सकते हो। इसलिए घर पर ही गन्ने का रस बनाने का तरीका जानकार आप भी गन्ने का रस बनाकर उसका आनंद लीजिये 

सामग्री

  • गन्ने के छिले हुए छोटे छोटे टुकड़े

  • अदरक- ¼ इंच  

  • नींबू- 1

  • काला नमक

  • पुदीना 

  • बर्फ

विधि

सबसे पहले धुले हुए गन्ने के छोटे छोटे टुकड़ों को अदरक और पुदीना के साथ मिक्सर में डाल कर पीस लेवें तथा उसके बाद उसे छानकर रस एवं भूसे को अलग कर लेवें अब रस में स्वादानुसार काला नमक तथा नींबू का रस मिला कर बर्फ डाले और ठन्डे-ठन्डे एवं स्वच्छता से बने हुए गन्ने के रस का आनन्द लीजिये।    

3) गन्ने के रस के पौष्टिक तथ्य

गन्ने का रस अपने भीतर कई प्रकार के पौष्टिक तत्वों को समाहित किये हुए होता है। गन्ने में आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम जैसे तत्त्व भरपूर मात्र में पाए जाते हैं साथ ही तांबा, जस्ता, मैंगनीज जैसे तत्त्व भी विद्यमान होते हैं, इसमें विटामिन ए, बी1, बी2, बी3 तथा सी भी पाया जाता हैंगन्ना खास तौर अपने शर्करा एवं अपने कार्बोहाइड्रेट अवयवों के लिए जाना जाता है, जो इसमें प्रमुखता से विद्यमान होते हैं और इसके कारण ये त्वरित उर्जा का स्रोत है।

4) गन्ने के रस के स्वास्थ्य लाभ


  • त्वरित ऊर्जा देने वाला - गन्ने में प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट एवं कैलोरीज, शर्करा पाई जाती है इसलिए गन्ने का रस पीने से शीघ्रता से ऊर्जा प्राप्त होती है। 


  • लीवर को मजबूत बनाने में - पीलिया जैसे रोगों में गन्ने का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है। गन्ने में पाए जाने वाले तत्त्व एवं विटामिन शरीर में स्फूर्ति प्रदान करते है एवं लीवर के लिए बहुत फायदेमंद होते है


  • कैंसर में लाभकारी - गन्ने में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सिडेंट तत्त्व कैंसर जैसी भयानक बीमारियों में बहुत लाभदायक होते हैं लेकिन इसके साथ-साथ चिकित्सकीय उपचार की भी आवश्यकता रहती है


  • चेहरे की सुन्दरता बढ़ाने में - गन्ने के रस की प्रकृति ठंडी होती है इससे यह शरीर में मौजूद गर्मी को नियंत्रित करता है तथा गन्ने के जूस का सेवन करने से यह शरीर के रक्त को शुद्ध करता है इससे त्वचा नरम,और सुन्दर बनती है साथ ही मुहांसों पर इसका हल्दी अथवा मुल्तानी मिट्टी के साथ लेप लगाने से वे गायब हो जाते हैं।  


  • पाचन तंत्र को मज़बूत करने में - गन्ने के रस में पाए जाने वाले एंजाइम तथा तत्त्व शरीर की पाचन क्रियाओं को मज़बूत बनाते हैं और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। 


  • बुखार-जुकाम से निजात पाने में - गन्ने के रस में पाये जाने वाले तत्त्व तथा इसकी ठंडी तासीर बुखार-जुकाम जैसे सदा-फ्लू की परेशानियों में आरामदायक साबित होते हैं बशर्ते इसे ठन्डे मौसम में नहीं पिया जाये। ये रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।  


  • घाव भरने में - गन्ने के रस में शर्करा की प्रचुर मात्रा पाई जाती है और रिसर्च के मुताबिक ये चोटों से होने वाले घावों को तेज़ी से भरने में कारगर साबित होती  है


  • यूरिन की समस्याओं में - गन्ने के रस का सेवन यूरिन से सम्बंधित समस्याओं जैसे पेशाब में जलन, मूत्र का रुक-रुक कर आना में एक औषधी के तौर पर किया जा सकता है।

5) गन्ने का उपयोग कब और कैसे करना चाहिए

गन्ने से रस का सही समय और सही तरीके से सेवन इसे फायदेमंद बनाता है, गलत मात्रा में अथवा गलत समय पर इसका सेवन हमें बीमार भी कर सकता है।

  • सामान्य तापमान पर बने हुए गन्ने के जूस का सेवन करना लाभदायक हो सकता है तथा स्वादानुसार इसमें बर्फ की मात्रा को भी मिलाया जा सकता है।

  • गन्ने के जूस को बनने के बाद अधिक समय तक नहीं रखना चाहिए, बनाने के आधे से एक घंटे के समय में इसका उपयोग कर लेना चाहिए।

  • सर्दी के मौसम अथवा ठन्डे मौसम में इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है। 

  • रात्रिकाल में इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। 

  • गन्ने का सेवन दांतों से छीलकर करना भी बहुत लाभदायक होता है।

6) गन्ने का जूस पीने के नुकसान

गन्ने का जूस सेहत के लिए लाभदायक तो होता ही है किन्तु इसका अधिक  सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है।

  • गन्ने के अधिक सेवन से शरीर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है इससे व्यक्ति को मधुमेह होने का खतरा बढ जाता है।

  • गन्ने का सेवन यूरिन की मात्रा को बढ़ा देता है अतः इससे आपको बार बार टॉयलेट जाना पड सकता है।

  • बाज़ार में ठेलों पर साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है अतः वहां पर गन्ने का जूस पीने से आपको पेट दर्द, डायरिया, फ़ूड पोइज़निंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

  • गन्ने का सेवन शरीर में कैलोरीज तथा कार्बोहाइड्रेट को बढ़ाता है अतः इसका सेवन करने से मोटापा भी हो सकता है।

  • गन्ने का रस अधिक समय तक रखा जाये तो उसमे किण्वन की प्रक्रिया हो सकती है जिससे आपको नशे एवं चक्कर जैसा महसूस हो सकता है।

7) गन्ने के रस का सेवन किसे नहीं करना चाहिए

  • गन्ने में शर्करा की मात्रा  मौजूद होती है अतः मधुमेह से पीड़ित लोगों को गन्ने का सेवन नहीं करना चाहिए।

  • गर्भावस्था में गन्ने का सेवन उचित नहीं माना गया है अतः उस समय गन्ने का सेवन करने से बचें।

  • यदि आपको ठंडी तासीर के पदार्थों से एलर्जी है तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि गन्ना एक ठन्डे प्रकार का पादप है।

  • गन्ने का अधिक सेवन खून को पतला कर देता है अतः सर्जरी करवाने वाले लोग इसका प्रयोग चिकित्सकीय सलाह के अनुसार ही करें।

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