रेगुलर फुल बॉडी चेकअप क्या है | What is Regular Full Body Checkup

फुल बॉडी चेकअप हमारे शरीर की  एक  सामान्य जांच है । किसी भी प्राणी के खुशहाल जीवन जीने के लिए उसके शरीर का पूर्ण रूप से स्वस्थ होना अति आवश्यक होता हैं। मानव शरीर भी एक मशीन की तरह कार्य करता है जिस तरह एक मशीन के सही से काम करने के लिए समय समय पर उसकी मरमत करवाना आवश्यक होता है। उसी तरह हमारे शरीर को भी इस बदलते परिवेश के कारण समय समय पर फुल बॉडी चेकअप करवाना आवश्यक होता हैं। जिसे एक अच्छे हेल्थ एक्सपर्ट या प्रैक्टिशनर द्वारा वैज्ञानिक तरिके से सम्पादित किया जाता हैं। इस परीक्षण के अंतर्गत हमारे शरीर के मुख्य कार्य तंत्रो को शामिल किया जाता है जैसे – तंत्रिका तंत्र ,पाचन तंत्र ,फेफड़ा तंत्र व थाइरोइड आदि।

Table of Contents

फुल बॉडी चेकअप किस उम्र में करवाना चाहिए।

फुल बॉडी चेकअप किस उम्र में करवाना चाहिए।
फुल बॉडी चेकअप किस उम्र में करवाना चाहिए।

वैसे तो फुल बॉडी चेकअप को किसी भी उम्र का व्यक्ति करवा सकता हैं लेकिन कुछ विशेष टेस्ट को सही उम्र में करवाने से ज्यादा फायदा मिलता हैं जैसे –

  • 20 वर्ष की उम्र के बाद: हर साल रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), कद (हाइट) और वजन की जांच करानी चाहिए। साल में एक बार दांतों और आखों की जांच करानी चाहिए। हर दो साल में एचआईवी की स्क्रीनिंग भी करानी चाहिए। हर पांच साल में कोलेस्ट्रॉल की जांच भी करानी चाहिए।
  • 30 साल की उम्र के बाद: ऊपर बताए गए जांच के अलावा इस एज में मधुमेह (डाइबिटीज), थायरॉयइड से जुड़े रोग, एनीमिया और लिवर की तकलीफ के लिए खून की जांच करानी चाहिए। साल में एक बार हार्ट से संबंधित बीमारियों की भी जांच करानी चाहिए।
  • 40 साल की उम्र के बाद: ऊपर बताए गए जांच के अतिरिक्त हर पांच साल में एक बार कार्डियोवैरकुलर इवैल्यूएशन कराना चाहिए। साल में एक बार प्रोस्टेट कैंसर की जांच भी करानी चाहिए।

यह भी पढ़े : फुल बॉडी चेकअप में क्या क्या होता है? क्यों जरुरी है फुल बॉडी चेकअप?

  • 50 साल की उम्र के बाद: ऊपर बताए गए टेस्ट के अलावा हर साल एक बार टाइप टू मधुमेह (डायबिटीज) की जांच, हर साल आंख और कान की जांच कराएं। इसके अलावा हर साल मानसिक अवसाद (डिप्रेशन) की जांच, लिपिड डिसऑर्डर की जांच भी करवानी चाहिए।
  • 60 साल की उम्र के बाद: ऊपर बताए गए जांच के अतिरिक्त ऑस्टियोपोरोसिस के लिए हर साल स्क्रीनिंग कराएं। इसके अलावा डिमेंशिया और अलजाइमर की भी हर साल जांच करानी चाहिए।
Video Source: Medifact. ak

रेगुलर फुल बॉडी चेकअप में निम्न जाँचो  को जरूर शामिल करना चाहिए।

रेगुलर फुल बॉडी चेकअप में निम्न जाँचो  को जरूर शामिल करना चाहिए।

रेगुलर फुल बॉडी चेकअप में निम्न जाँचो  को जरूर शामिल करना चाहिए।
  • Eye, ENT & Dental Consults (आँख, नाक गला तथा दांत से संबंधित जाँच)
  • Electrolytes (शरीर में खनिज लवणों की जाँच )
  • HbsAg (रक्त से संबंधित जाँच )
  • Cardiac Stress Analysis (CSA/TMT) (दिल को जांचने के लिए )
  • Pulmonary Function Test (PFT) (फेफड़ों की कार्य प्रणाली से संबंधित जाँच )
  • Echo Cardiogram (एंजाइना (दिल) से संबंधित जाँच )
  • Cardiac Consult (ह्रदय (दिल) से संबंधित जाँच )
  • Thyroid Test (थाइरोइड)
  • Mammogram for women above 40 years or Ultrasonogram of the breasts (ब्रेस्ट कैंसर के लिए जाँच केवल स्त्रियों के लिए )
  • PSA for Men (प्रोस्टेट कैंसर, पेशाब नली से जुडी जाँच केवल पुरुषो के लिए )
  • Blood Sugar Test
  • ECG
  • Blood Test
  • Urine Test
  • X-RayTest
  • Liver Function Test

नियमित फुल बॉडी चेकअप करवाने के फायदे

Full Body checkup

नियमित फुल बॉडी चेकअप करवाने के फायदे

नियमित फुल बॉडी चेकअप करवाने से आपको आपके शरीर में होने वाली गंभीर बिमारियों के शुरुआती लक्षणों के बारे में पता चलता है। इसे आप इन गंभीर बिमारिओं के प्रकोप से आप अपने शरीर को होने वाली हानि व अतिरिक्त धन की बर्बादी से बच जाते है। और आपको शरीर भी स्वस्थ बना रहता हैं।

समय समय पर फुल बॉडी चेकअप निम्न फायदे हैं।

रक्तचाप (ब्लड प्रेशर टेस्ट)

यह सबसे पहली और सबसे जरूरी जांच होती है। इसके जरिए हीमोग्लोबिन का स्तर, पॉलिमोर्फ्स, लिंफोसाइट, मोनोसाइट, प्लेटलेट्स आदि के स्तर को मापा जाता है। इसी ब्लड टेस्ट के जरिए ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल आदि की जांच भी की जाती है। किसी भी तरह के असामान्य स्तर की स्थिति में दूसरे विश्ेाष टेस्ट किए जाते हैं।

यह भी पढ़े : क्या है हार्ट अटैक के कारण और लक्षण

यूरिन टेस्ट

पेशाब की जांच के जरिए ग्लूकोज और प्रोटीन की मात्रा का पता लगाया जाता है।

इलैक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ईसीजी)

दिल की हालत को जांचने के लिए ईसीजी किया जाता है। हृदय गति को माप कर उससे जुड़ी बीमारियों का पता लगाया जाता है।

आंखों की जांच

आंखें सही तरीके से काम कर रही हैं या नहीं, इसे जांच के जरिए पता लगाया जाता है। कलर ब्लाइंडनेस, मायोपिया और हाइपरमेट्रोपिया की स्थिति का भी अंदाजा मिल जाता है।

कान की जांच

कानों के सुनने की क्षमताओं का पता चलता है।

एक्स रे और स्कैन

यह जांच बहुत सामान्य नहीं है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसे करवा लेने की सलाह दी जा सकती है।

लिवर फंक्शन टेस्ट

प्रोटीन, एल्बुमिन, ग्लोबुलिन, बिलरुबिन, एसजीओटी, एसजीपीटी आदि इस टेस्ट के तहत आते हैं।

फुल बॉडी चेकअप कैसे व कहा से करवाएं।

अगर आप भी फुल बॉडी चेकअप करवाने का विचार कर रहे है, और आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप कायावेल की और जा सकते हैं। KAYAWELL.COM, पुरे भारत में फुल बॉडी चेकअप सर्विस के साथ-साथ अन्य स्वास्थय सेवाएं सबसे बेतरीन व सबसे कम कीमत में उपलब्ध करवाता हैं। जो आपके बजट के दायरे में भी आता है । पूरे शरीर की फुल बॉडी चेकअप में फ्री होम कलेक्शन की व्यवस्था भी है और रिपोर्ट ईमेल से भेजी जाती है। आप नीचे दिए पैकेज के लिंक पर क्लिक करके Full Body Check up के बारे में जान सकते है और ऑनलाइन 50% डिस्काउंट के साथ बुकिंग भी कर सकते हैं। आप ☎ 7073628886 पर कॉल करके अपने टेस्ट की बुकिंग भी करा सकते है।

Leave a Reply

admin


Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial