कलौंजी जिसे इंग्लिश में ब्लैक सीड्स कहा जाता है, ज्यादातर घरों में होते हैं। कलौंजी को ब्रेड्स के ऊपर, कई दालों के अंदर और करी में इस्तेमाल किया जाता है। स्वाद और सुगंध के अलावा यह छोटा सा मसाले का बीज कई स्वास्थ्य लाभ देता है। यह आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होती है। अपने इन्हीं गुणों की वजह से कलौंजी को मसालों में सबसे हेल्दी माना गया है।
कलौंजी जिसे इंग्लिश में ब्लैक सीड्स कहा जाता है, ज्यादातर घरों में होते हैं। ब्लैक सीड्स यानी कलौंजी के फायदे और स्वास्थ्य लाभ बहुत ही ज्यादा होते हैं। शायद यही वजह है, कि कलौंजी ज्यादातर भारतीय रसोईयों में मौजूद होती है। कलौंजी को ब्रेड्स के ऊपर, कई दालों के अंदर और करी में इस्तेमाल किया जाता है। कलौंजी बहुत ही सुगंधित होती है, और यह अपना अलग ही जायका और महक छोड़ जाती है। स्वाद और सुगंध के अलावा यह छोटा सा मसाले का बीज कई स्वास्थ्य लाभ देता है। कलौंजी में कई लवण और पोषक तत्व होते हैं। कलौंजी में कई तरह के अमीनो एसिड और प्रोटीन पाए जाते हैं। यह आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होती है। अपने इन्हीं गुणों की वजह से कलौंजी को मसालों में सबसे हेल्दी माना गया है।
खास बातें:-
♦ यह आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होती है।
♦ कलौंजी को मसालों में सबसे हेल्दी माना गया है।
♦ सिर्फ एक चम्मच कलौंजी वजन कम करने के लिए आपको एक हेल्दी राह दे सकती है।
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वजन कम करने में मददगार है कलौंजी:-
ब्लैक सीड्स को सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। वजन कम करने में, यह छोटे-छोटे बीज आपको वजन कम करने में बहुत बड़ी मदद कर सकते हैं। इसके लिए ग्रिल कर बनाई गई सब्जियों, चटनी और सलाद में कलौंजी को ड़ाल सकते हैं। यह आपको हेल्थ बेनिफिट्स देगी। सिर्फ एक चम्मच कलौंजी वजन कम करने के लिए आपको एक हेल्दी राह दे सकती है।
कलौंजी और कलौंजी का तेल टाइप 2 डाइबिटीज में करेगा मदद:-
ब्लैक सीड्स यानी कलौंजी का इस्तेमाल भारतीय आहार में खूब किया जाता है। इसे पूरा का पूरा इस्तेमाल किया जाता है, इसके अलावा कलौंजी का तेल भी बनाकर इस्तेमाल में लिया जाता है। कलौंजी का इस्तेमाल टाइप 2 डाइबिटीज में भी किया जाता है। टाइप 2 डाइबिटीज में आप कलौंजी को या फिर कलौंजी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में कारगर है। हां, कलौंजी का तेल टाइप 2 डायबिटीज में अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें एंटिऑक्सीडेंट होते हैं जो कई तरह से टाइट 2 डाइबिटीज में फायदेमंद होते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज में क्या होते हैं कलौंजी के तेल के फायदे:-
1. ब्लड शुगर को नियंत्रित करेगी कलौंजी:-
कई शोध यह बात साबित कर चुके हैं, कि कलौंजी ब्लड शुग लेवल को नियमित करने में मददगार है। शोध के अनुसार डायबिटीज के मरीज अगर अपने आहार में कलौंजी का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खाली पेट ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करती है।
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2. कलौंजी नियंत्रित करे कोलेस्ट्रॉल लेवल:-
डायबिटीज के मरीजों को दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि डायबिटीज होने पर हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन यानी गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है, और बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। ऐसे में दिल से जुड़े रोगों का खतरा बढ़ जाता है। कलौंजी में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता। इसके साथ ही कई शोध इस बात का खुलासा कर चुके हैं, कि कलौंजी को अपने आहार में शामिल करने से एलडीएल को कंट्रोल किया जा सकता है।
3. सूजन से लड़ता है:-
हाइपरग्लाइकेमिया या बढ़ा हुआ रक्त शर्करा का स्तर भी शरीर में बढ़ी हुई सूजन के जुड़ा हुआ है। इसलिए टाइप -2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में सूजन की ज्यादा समस्या देखने को मिलती है। शोध से पता चला है, कि अपने दैनिक आहार में कलौंजी तेल या कलौंजी को शामिल करने से शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
बरतें सावधानी:-
जब आप कलौंजी के बीजों का सेवन कर रहे हों, तो कुछ बातों का खास ध्यान रखें। एक बार में 3 या 5 से ज्यादा बीजों का इस्तेमाल न करें। यह पित्त दोष को पैदा कर सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को भी कलौंजी खाते समय सावधानी बरतने की जरूरत होती है। अधिक मात्रा में इनका सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है।
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