blackfriday

दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ने पर तुरंत करें ये उपाय

दिल का दौरा (हार्ट अटैक) हृदयाघात या रोधगलन या तीव्र रोधगलन के नाम से जाना जाता है। जिसके तहत दिल के कुछ भागों में रक्त संचरण में बाधा उत्पन्न हो जाती है, जिससे एक बड़ी संख्या में दिल की कोशिकाएं मर जाती हैं।

दिल का दौरा पड़ने पर रोगी की जान जाने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है लेकिन अगर रोगी को समय पर सही उपचार  मिल जाये तो रोगी की जिंदगी बचायी जा सकती है।

यहाँ पर आपको कुछ ऐसे उपाए बताये गए है  जिनको अपनाकर आप रोगी की जान बचा सकते हैं।

Video Source: Sahyadri Hospitals

दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत करें ये उपाय

मरीज को को तुरंत शुद्ध हवा में लिटायें

दिल का दौरा पड़ने पर मरीज को सबसे पहले शुद्ध हवा में आरामदायक स्थिति में लिटायें और उसे एस्प्रीन की टेबलेट चूसने को दें। एस्प्रीन चूसने से दिल के दौरे में मृत्यु दर 10 प्रतिशत तक कम हो जाती है। क्‍योंकि यह दवा खून के थक्‍के बनने को रोकती  है और नसों और मांसपेशियों में खून नहीं जमता है। व्‍यक्ति के पास एस्पिरिन की टेबलेट हो सकती है।

दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत इमरजेंसी नंबर पर फोन करें

इमरजेंसी नंबर पर फोन करें

मरीज को लिटाने और एस्पिरिन की टेबलेट देने के बाद तुरंत इमरजेंसी नंबर पर डॉक्टर को फोन करें, एंबुलेंस को फोन करके अपना सही पता बताये और तुंरत बुलायें अगर आप बच्चे है तो किसी बड़े से बात कराये। अच्‍छे अस्‍पताल के नंबर अगर आपके पास हों तो वहां फोन करें।

सीने को दबाकर कृत्रिम साँस दें

सीने को दबाकर कृत्रिम साँस दें

दिल के दौरे में धड़कने बंद हो सकती हैं। दौरा यदि अचानक हो और कार्डियो पल्मोनेरी के लक्षण हो जहां दिल की धड़कन बंद होने लगती है तो सीने को दबाकर सांस चालू करने की कोशिश करें। यह बहुत आसान है कृत्रिम साँस देने से रोगी  धड़कने फिर से शुरू हो जाती हैं। इसे सीपीआर तकनीक कहते हैं।

यह भी पढ़े : क्या है हार्ट अटैक के कारण और लक्षण

सीपीआर देने का सही तरीका

सीपीआर देने का सही तरीका

इससे दिल की बंद हुई धड़कने शुरू हो जाती हैं। इसे करने के लिए मरीज को कमर के बल लिटायें, अपनी हथेलियों को मरीज के सीने के बीच रखें। हाथ को  नीचे दबाएं ताकि सीना एक से लेकर आधा इंच चिपक जाए। प्रति मिनट सौ बार ऐसा करें और  ऐसा तब तक तक जारी जब तक डॉक्टर की सहायता नहीं मिल जाती है।

नाक को दबायें

नाक को दबायें

मरीज की नाक को उंगलियों से दबाकर रखिये और अपने मुंह से कृत्रिम सांस दें। नथुने दबाने से मुंह से दी जा रही सांस सीधे फेफड़ों तक जा सकेगी। लंबी सांस लेकर अपना मुंह चिपकायें, हवा मुंह से किसी तरह से बाहर न निकल रही हो। मरीज के मुंह में धीमे-धीमे सांस छोड़ें, 2-3 सेकेंड में मरीज के फेफड़ों में हवा भर जायेगी। ऐसा दो से तीन बार कीजिए। अगर मरीज सांस लेना बंद कर दे तब सांस न दें।

यह भी पढ़े : फुल बॉडी चेकअप में क्या क्या होता है? क्यों जरुरी है फुल बॉडी चेकअप?

मरीज के सीने के बीच रखें। हाथ को  नीचे दबाएं ताकि सीना एक से लेकर आधा इंच चिपक जाए। प्रति मिनट सौ बार ऐसा करें और  ऐसा तब तक तक जारी जब तक डॉक्टर की सहायता नहीं मिल जाती है।

समय पर फुल हेल्थ चेकअप कराने से हम भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों से अपने शरीर का बचाव कर सकते हैं। फुल बॉडी चेकअप से हमें अपने जेनेटिक्स बीमारियों जैसे- थाइरोइड, डायबिटीज, हेल्थ अटैक आदि के बारे में पता चलता हैं। जिनसे हम समय रहते आज की आधुनिक हेल्थ टेक्नोलॉजी के द्वारा समाधान कर सकते है। फुल बॉडी चेकअप के बारे में अधिक जानकारी के लिए ।

अभी सम्पर्क करे : मो. 7073628886 ईमेल एड्रेस : info@kayawell.com, टेस्ट बुक करने के लिए फुल बॉडी चेकअप पर क्लिक करें।

Book Now:
Advanced Full Body Check Nearby you at 50% OFF, NOW (Lowest Price)

Leave a Reply

admin


Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial