महिलाओं में दस प्रमुख बीमारियां

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महिलाओं में दस प्रमुख बीमारियां 

महिलाओं में पुरूषों के मुकाबले अधिक बीमारियां होती है। फिर चाहे वह हृदय से जुड़ी बीमारी हो, खान-पान की बात हो, विटामिन डी की कमी हो या फिर महिलाओं में कैंसर से संबंधित बीमारियां हो। आइए जानें आमतौर पर होने वाली महिलाओं की प्रमुख दस बीमारियां कौन सी है।

स्तन कैंसर- स्तन कैंसर आज के समय में महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाता है। फिर वह 25 साल की युवती हो या फिर 55 साल की महिला। हालांकि कम उम्र में कैंसर न होकर गांठे होती है जो सही उपचार न मिलने पर कैंसर का रूप ले सकती हैं। इसके अलावा इनसे स्तन पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते और कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती है।

 अर्थराइटिस- इस बीमारी में महिलाओं के घुटनों में सबसे अधिक दर्द होता है। घुटनों का दर्द जब बहुत अधिक बढ़ जाता है तो ये आर्थराइटिस का रूप ले लेता है जिसको सर्जरी के माध्यम से भी ठीक किया जा सकता है। इस बीमारी से जोड़ों में दर्द, जलन, सूजन इत्यादि होने लगती है।

  सर्वाइकल कैंसर- गर्भाशय  के अंदर व भीतरी सतह पर घातक कोशिकाओं की वृद्धि होती है जिससे मीनोपोज के बाद भी रक्त स्राव होने लगता है।

 फाइब्राइड-फाइब्रायड यानी रसौली या ट्यूमर होना। आज लगभग 30 फीसदी महिलाएं फाइब्रायड की शिकायत से ग्रस्त है। फाइब्रायड एक महिला में एक से लेकर कई हो सकते है। फाइब्रायड की शिकायत होने इसकी चिकित्सा के लिए सर्जरी करवाई जाती है। आमतौर पर फाइब्रायड गर्भाशय की दीवार से निकलते है जिससे बांझपन का खतरा भी रहता है।

 टीबी- यह संक्रामक बीमारी है। आम तौर पर फेंफड़ों पर हमला करती है। लेकिन शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है।

 हृदय से जुड़ी बीमारी- दिल और दिल की धमनियों से संबंधित रोग अकसर महिलाओं में अधिक होते है। इसकी वजह से हार्ट अटैक की नौबत भी आ जाती है।

 मधुमेह- मधुमेह ऐसी बीमारी है जिसकी शिकार महिलाएं ही अधिक होती है। मधुमेह के कारण महिलाओं को कई और बीमारियां भी घेर लेती हैं। मधुमेह के दौरान शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, इसमें पेंक्रियाज़ ग्रंथी सुचारू रूप से काम करना बंद कर देती है। इस ग्रंथि में इंसुलिन के अलावा कई तरह के हार्मोंस निकलते हैं।

 ऑस्टियोपोरोसिस- इस रोग में हड्डियां कमजोर हो जाती है और उनमें अत्यधिक दर्द होता है। यह जल्दी मीनोपोज होने से , अधिक शराब व एल्कोहल लेने से और संतुलित खान-पान ने लेने से होता है।

 पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज-महिलाओं की कमर के निचले हिस्से में फेलोपियन ट्यूब ब गर्भाशय तक ले जाने वाली नली जलन  होती है। इस बीमारी में पेट में दर्द होना, माहवारी के समय अधिक रक्ते स्राव होना इत्यादि होता है।

 वल्वर कैंसर-  महिलाओं के जनांग के बाहरी हिस्से में यह कैंसर होता है। इसमें पेशाब के दौरान जलन, खुजली और रक्त स्राव इत्यादि होता है।

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