कर्क रोग (Cancer )
इन 4 फलों को रेगुलर खाने से कैंसर का होगा खात्मा!
इन 4 फलों को रेगुलर खाने से कैंसर का होगा खात्मा! जम्मू स्थित शेर-ए-कश्मीर कृषि, विज्ञान और तकनीक विश्वविद्यालय में किए गए एक शोध में यह तथ्य सामने आया है। विवि के बायो-केमिस्ट्री डिवीजन के फैकल्टी ऑफ बेसिक साइंस और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव द्वारा ये शोध किया गया। अब इन फलों में मौजूद तत्वों से कैंसर रोधी दवा विकसित करने पर काम किया जा रहा है।
1 कर्क रोग (Cancer )
2 आयुर्वेद में कॅन्सर का निदान (Remedial Measures In Treatment Of Cancer In Hindi)
3 कर्क रोग में लाभ देनेवाली कुछ औषधियाँ (Herbs Useful In Treatment Of Disease in Hindi)
4 कर्क रोग से बचाव करने वाले तथा उपचार में लाभ देनेवाले कुछ नुस्खे (Some Home Remedies And Tips Useful In Prevention And Mitigation Of Cancer)
कॅन्सर अथवा कर्करोग एक जानलेवा और कष्टकारी रोग है. इसके लक्षणों का पता देर से चलता है तथा निदान में भी देर लग जाती है. इस रोग में शरीर के किसी अंग की कोशिकायों (cells) में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है. इसे अन्य अंगों पर प्रादुर्भाव (negative effect) पड़ता है. जब कॅन्सर के ट्यूमर में बढ़ोतरी हो जाती है तो वह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है और यह अत्यंत पीढ़ा दायक रूप ले लेता है. इस रोग में तीनों दोष प्रभावित होते हैं.
आयुर्वेद में कॅन्सर का निदान (Remedial Measures In Treatment Of Cancer )
इस रोग में तीनों दोषों में विकृति पाई जाती है तथा इनका निवारण चरक और सुश्रुत संहिता में वर्णित किया गया है. इन तीनों दोषों की शांति हो जाने पर यह रोग स्वयं ही ठीक हो जाता है.
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कर्क रोग में लाभ देनेवाली कुछ औषधियाँ (Herbs Useful In Treatment Of Disease )
आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार सात मुख्य औषधियों का प्रयोग इस रोग के विमोचन में किया जाता है. यह औषधियाँ इस प्रकार हैं.
अश्वगंधा : यह औषधि का उपयोग शरीर को पुष्टि देने के लिए एवं शरीर में कॅन्सर की कोशिकायों को ख़त्म कर शरीर में स्वास्थ का संचार करता है.
लहसुन: लहसुन के प्रयोग से दिमाग़ से कॅन्सर की कोशिकायों को ख़त्म किया जा सकता है. यदि इसमें ब्रॉकोल्ली और प्याज़ का प्रयोग किया जाए तो इस रोग की निवरत्ति करने में बहुत सहायता प्राप्त होती है.
ग्रीन टी : यह एक ऐसी औषधि है जिससे बड़ी आँत में मौजूद कॅन्सर तथा अन्य प्रकार के कॅन्सर का निवारण भी किया जाता है. साथ ही यह मस्तिष्क में antioxidants की मात्रा को बढ़ती है, जिससे रोग प्रतिकारक शक्ति का विकास भी होता है.
सीलॅनडाइन (Celandine) : यह उन वर्ग के पौधों मैं से है जिससे कॅन्सर और अन्य रोगों का निवारण बड़ी ही आसानी से होता है. इससे दमा तथा atherosclerosis नामक रोगों का निवारण भी होता है.
घृत कुमारी तथा आपल सीडर विनिगर : जब दो प्रकार की औषधियों से बड़ी आँत में प्रयोग किया जाता है, उससे शरीर में मौजूद विषैले तत्वों से निजात मिलती है. यह आपल सीडर विनिगर की से विभिन्न प्रकार के कॅन्सर का निवारण हो जाता है.
अदरक : का प्रयोग भारतीय भोजन की पद्धति में बहुपयोगी है. अदरक का प्रयोग आँतों की सोज़िश को दूर करने में सहायता देता है.
अदरक के प्रयोग से ओवायरियन और प्रॉस्ट्रट कॅन्सर का उपचार भी किया जा चुका है.
हल्दी : इस भारतीय मसाले में लगभग हर प्रकार के रोग को ठीक करने की गुणवत्ता पाई जाती है. इस पौधे की जड़ मैं मौजूद कुर्कुमिन्स (curcumins) से कोलन (colon) के कॅन्सर की कोशिकायों को नष्ट किया जाता है.
कर्क रोग से बचाव करने वाले तथा उपचार में लाभ देनेवाले कुछ नुस्खे (Some Home Remedies And Tips Useful In Prevention And Mitigation Of Cancer)
200 मिलीलीटेर दूधि का रस लें और उसमें तुलसी के 5-6 पत्तों का रस मिलकर रोज़ सेवन करें. इस प्रयोग से खून की acidity (आम) ख़त्म हो जाती है और इससे कॅन्सर की कोशिकाएँ समाप्त हो जाती हैं.
प्रातः काल उठकर पानी के साथ 4-5 तुलसी पत्र का सेवन करें.
1 गिलास गेहूँ के जवारे का रस रोज़ सेवन करने से शरीर से कॅन्सर की कोशिकायों को समाप्त किया जा सकता है.
cancer prevention ayurveda tip
हल्दी, लहसुन, सोंठ का प्रयोग खाने में अधिक करना चाहिए. हल्दी को गाय के दूध से बने देसी घी में तड़का लगाने से से शरीर में वह जस्प हो जाती है और इससे हल्दी का विशेष औषधीय लाभ देखने को मिलता है.
चीनी और दूध से बनी चीज़ों का सेवन ना करें. शरीर में आल्कलाइन (alkaline) वातावरण का निर्माण करने वाले भोजन जैसे की ताज़ा सब्जियों का रस, इनका सेवन अधिक करें.
शुद्ध शाकाहारी भोजन लें.
प्लास्टिक से बनें डिस्पोज़ेबल कप्स में गर्म पेय (चाय, कॉफी) और गर्म भोजन ग्रहण नही करना चाहिए. नवीन शोथ से यह पता चला है की प्लास्टिक उच्च तापमान पर किन्ही ऐसे विषैले पदार्थ छोड़ता है जिससे विभिन्न प्रकार के कॅन्सर उत्पन्न होते हैं.
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