वजन घटाने के लिए सबसे असरदार 6 योगासन –

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मुख्य स्वास्थ्य से संबंधित योग आपको महंगे बयान उपकरण और वजन घटाने के लिए की जाने वाली कसरत से मुक्ति दिलाता है जब भी आप गहरी सांस लेकर योग करते हैं तो आपके शरीर में ऑक्सीकरण लेवल बढ़ जाता है जिससे वजन को कम करने में मदद मिलती है आपके रक्त में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ने से चयापचय मैं वृद्धि होती है जिससे आपको अनजाने में वजन घटाने की ओर ले जाया जाता है इससे आपको चयापचय बढ़ता है और आप अपनी चर्बी को जल्दी जल्दी जला पते है

  • • अधिक वजन होने के नुकसान 

  • मोटापा कई बीमारियों का जनक है। अगर आप मोटापे के शिकार हैं तो जल्द से जल्द इसे कम करने के उपाय करें, क्योंकि मोटापे का मतलब सिर्फ बेडौल शरीर ही नहीं कई रोगों को बुलावा है। जी हां, मोटापा अपने साथ कई रोगों को लेकर आता है। 
  • मोटापे से हृदय रोग की समस्या का खतरा हो सकता है।
  • वजन बढ़ने पर जोड़ों में दर्द की समस्या होती है।
  • जैसे-जैसे वजन बढ़ता है बीमारियों का बढ़ना शुरु हो जाता है।
  • कोलेस्ट्रोल के खतरे से बचने के लिए मोटापा कम करें।
  •  वजन बढ़ने से आपको हृदय रोग, डायबटीज, कालेस्ट्राल बढ़ना, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां हो सकती हैं। मोटापे से आप अच्छा भी महसूस नहीं करते हैं। आपका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।

  • • सामान्य से ज्यादा वजन बढ़ने क्या करे ?

  •  अचानक सामान्य से ज्यादा वजन का बढ़ना किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता हैं हमें इसे लेकर शांत नहीं बैठना चाहिए l ऐसे लक्षण दिखाई देने पर  बिना देरी किये अपने आस-पास के एक अच्छे हेल्थ एक्सपर्ट से इसकी जॉच करवाएं, इसके  लिए आपको एक अच्छे एक्सपर्ट को तलाश ने जरुरत होगी, लेकिन  अब आपको परेशान होने की बिलकुल  जरूरत नहीं हैं , क्योंकि आपकी इस समस्या का हल भी  आपको ऑनलाइन ही मिल जायेगा | यहाँ पर आपको आपके क्षेत्र के अनुसार एक अच्छे एक्सपर्ट की लिस्ट मिल जाएगी CLICK HERE l जिनसे आप ऑनलाइन या ऑफलाइन बातचीत कर सकते हैं, नीचे दिए गए उपायों को अपनाकर आप मोटापे  से बच सकते हैं ।
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  • • वजन घटाने के लिए योगासन – 
  • कुछ सांस लेने वाले योगासन आपके पेट की मालिश करने की तरह कार्य करते हैं जिसके परिणाम स्वरुप आपके शरीर में वसा तेजी से जल रही होती है आइए जानते हैं उन योगासन के बारे में जो हमें वजन कम करने में सहायक होते हैं l 

  • 1. कपालभाती योगासन –
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  • लाभ: कपालभाती वजन कम करने और मोटापे को नियंत्रित करने का एक असरदार तरीका है इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से आप अपने दिल के कामकाज, यकृत, अग्न्याशय, पेट और गुर्दे को बेहतर बना सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस प्राणायाम को जब हम जबरदस्त ताकत के साथ करते हैं तो शरीर में विषाक्त पदार्थों का 80% भाग बाहर निकल जाता है।
  • यह गहरी साँस लेने वाला व्यायाम है जो पेट की विकार, कब्ज, अपच, अम्लता का इलाज करता है प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, डायाफ्राम में लचीलापन लाता है और इसे मजबूत बनाता है, हर्नियास के विकास के जोखिम को कम करता है, रक्त परिसंचरण में सुधार लता है, स्तन कैंसर का इलाज, तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है, मन को शांत करता है और तनाव कम कर देता है|

  • • कपालभाती करने का तरीका –

  • कपालभाती करने के लिए अपने दोनों पैरों को जोड़कर फर्श पर बैठ जाएं
  • अपनी गर्दन को सीधा रखते हुए अपने घुटनों पर अपनी हथेलियों को रखें
  • और आंखें बंद कर ले
  • अब धीरे-धीरे सांस लें और जल्दी जल्दी सांस को बाहर छोड़ते रहे
  • जब आप सांस को बाहर छोड़ते हैं तो आपको लगेगा कि आपका पेट अंदर की तरफ जा रहा है
  • इस प्रक्रिया को कम से कम 5 से 10 मिनट के लिए दोहराएं

  • •  कपालभाती के लिए सावधानियां – 

  • रीढ़ की हड्डी के विकार, हृदय की समस्या और हर्निया से पीड़ित लोगों को कपलभाती का अभ्यास नहीं करना चाहिए जिन लोगों को उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और हृदय की समस्याएं हैं, उन्हें विशेषज्ञ मार्गदर्शन के तहत अभ्यास करना चाहिए या धीरे-धीरे 2 से 3 सेकंड में 1 साँस छोड़ना चाहिए। यदि किसी को श्वसन तंत्र विकार है तो उसे अभ्यास करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है। गर्भधारण के दौरान और मासिक धर्म या अवधि के दौरान महिलाओं को कपलाभाती का अभ्यास नहीं करना चाहिए|

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  • 2. अनुलोम विलोम योगासन – 

  • •  लाभ: अनुलोम विलोम आपके पाचन तंत्र में सुधार करता है और कब्ज को ठीक करता है यह आपके हार्मोन संतुलन को बनाए रखता है और आपकी ऊर्जा को बढ़ाता है

  • अनसुम विलोम तनाव, अवसाद और चिंता को छोड़ने के लिए सबसे प्रभावी श्वास व्यायाम में से एक है। और यह प्राणायाम हमारे मन, शरीर, आत्मा को शुद्ध करने और शरीर की अधिकांश आंतरिक स्थितियों का इलाज करने में मदद करता है।अनोलॉम विलोम का नियमित अभ्यास दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम करता है और दिल की समस्याओं को ठीक करता है, बिना दवाओं के हृदय के धमनी रुकावट को हटाता है, मधुमेह नियंत्रण में रहता है।

  • इसके अलावा, यह आपके तीन दोष वात (हवा, हवा), पिटा (पित्त) और कफ (फ्लेम) में संतुलन बनाता है

  • •  अनुलोम विलोम करने का तरीका –

  • अनुलोम विलोम करने के लिए सबसे पहले कमल की स्थिति में बैठ जाएं
  • अपने दाहिने अंगूठे के साथ अपनी दाई नाक को बंद करें और धीरे-धीरे अपने बाए नथुने के माध्यम से साँस को ले
  • इसके बाद आप अपनी बाई नाक को अपनी अनुक्रमणिका आया मध्य की उंगली से बंद करें और दाई नाक से सांस को बाहर निकालें
  • दूसरी बार इसी अभ्यास को ठीक इसके विपरीत दोहराएं और
  • ऐसे प्रतिदिन 15 से 30 मिनट के लिए अभ्यास करें|

  • •  अनुलोम विलोम के लिए सावधानियां –

  • प्राणायाम खाली पेट पर किया जाना चाहिए।धीरे धीरे शुरू करें और इस तरह से साँस लें कि हवा को फेफड़े में जाना चाहिए और पेट में नहीं जाना चाहिए।अपने भोजन के बाद तुरंत अभ्यास न करें और अपने भोजन और प्राणायाम अभ्यास के बीच 4 घंटे के अंतराल रखें। ताजा हवा में इस प्राणायाम का अभ्यास करें, ज़्यादा मत करें, इससे थकान हो सकती है यह प्राणायाम गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा है, लेकिन अधिक नहीं करना चाहिए|

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  • 3. भस्त्रिका योगासन – 


  • •  लाभ: भ्रस्तिका योगासन आपको ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है यह आपके मेटाबोलिज्म को मजबूत बनाता है जो कि आपके फैट को बर्न करने में हेल्प करता है और वसा को तेजी से जलाने का कार्य करता है

  • इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास, हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ावा देता है, हमारे मन और शरीर को ताज़ा करता है, स्मृति और एकाग्रता, रक्त परिसंचरण, फेफड़ों की समस्याओं, माइग्रेन, सिरदर्द, कब्ज, अस्थमा, हृदय समस्याओं, थायरॉयड, और तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है। और पढ़े – सिर दर्द दूर करने के घरेलू उपाय
  • प्राणायाम की सबसे अधिक मस्तिष्क रोग, पार्किंसंस, अवसाद, और पक्षाघात  के लिए सिफारिश की जाती है।
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  • •  भ्रस्तिका योगासन करने का तरीका –

  • भ्रस्तिका योगासन करने के लिए अपनी पीठ और गर्दन को सीधा रखते हुए बैठ जाएं अपने पेट की मांसपेशियों को आराम दें और अपनी आंखों को बंद कर ले
  • इसके बाद अपने घुटनों पर अपनी हथेलियों को रखते हुए सांस लेने और सांस छोड़ने पर समान बल लगाते हुए सांस लेने से शुरू करे
  • सांस लेते और सांस छोड़ने के लिए एक दूसरे की गति के साथ एक लय के बाद श्वास की गहराई और उसको लेने और छोड़ने की क्षमता में वृद्धि करें
  • आपके फेफड़ों के नीचे पाया जाने वाला डायाफ्राम आपकी सांस लेने की गतिविधि के साथ फूलना और सिकुड़ना चाहिए
  • इस प्रक्रिया को प्रतिदिन 5 से 10 मिनट के लिए दोहराएं

  • •  भ्रस्तिका योगासन के लिए सावधानियां –

  • सबसे पहले, प्राणायाम का केवल एक खाली पेट पर अभ्यास करना चाहिए। दूसरा,  हवा में श्वास को छाती में भरना चाहिए और पेट में नहीं जाना चाहिएतीसरा, ग्रीष्मकाल में इस आसन का अधिक अभ्यास न करें।
  • और अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण, हृदय रोगियों और उच्च रक्तचाप की समस्या वाले लोगों को धीरे-धीरे या विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में इसका अभ्यास करना चाहिए।
  • 4. भ्रामारी योगासन –



  • •  लाभ: भ्रामारी आपके चयापचय में सुधार कर ऑक्सीजन के सेवन को बढ़ाता है और हमारे शरीर के हार्मोन के स्त्राव को संतुलित करता है जो हमें वजन कम करने में योगदान देते हैं भ्रामरी प्राणायाम मन को शांत करने या गुस्सा को तुरंत छोड़ने, तनाव और अवसाद को कम करने, नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने और सकारात्मक ऊर्जा देता है,मन को शांत करता है और शरीर को शांत रखता है, हताशा और क्रोध को तुरन्त शांत करता है, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है, दिल का रुकावट, साइनस की समस्या का इलाज करने में मदद करता है और एकाग्रता में सुधार करता है।

  • •  भ्रामारी करने का तरीका – 

  • भ्रामारी करने के लिए शांतिपूर्ण जगह पर वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं
  • अपनी रीढ़ की हड्डी और अपने कंधों को सीधा रखते हुए अपनी हथेलियों को खोलें और अपने अंगूठे से अपने कान को बंद करें
  • अपनी सूचक उंगलियों को माथे पर रखें उंगलियां आपकी भौहों के ऊपर और नीचे होनी चाहिए
  • एक लंबी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़े सांस छोड़ते समय आपका मुंह बंद रखें जब आप सांस छोड़ दें तो थोड़ा गुनगुना ध्वनि उत्पन्न करें
  • अपनी उंगलियों को ध्वनि के कंपन के साथ महसूस करना चाहिए
  • इसके बाद उंगलियों को अपने चेहरे से धीरे-धीरे हटा लें और घुटने के बल आराम करें इस प्रकार आप का एक चरण पूरा हो जाता है
  • यह प्रक्रिया 5 से 10 बार दोहराएं

  • •  भ्रामारी योगासन के लिए सावधानियां – 

  • हृदय रोगी को इस प्राणायाम को धीरे-धीरे अभ्यास करना चाहिए और लंबे समय तक अपनी सांस नहीं रोकनी चाहिए।
  • माइग्रेन या सिर ट्यूमर से पीड़ित लोगों को भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए। और अगर आप किसी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं, तो हमेशा डॉक्टर से परामर्श करें

  • 5. सूर्य नमस्कार – 



  • •  लाभ: वजन घटाने के लिए सूर्य नमस्कार एक महान योगासन है जो सांस लेने के अध्ययन के साथ सेट के रूप में किया जाता है

  • •  सूर्य नमस्कार करने का तरीका –

  • सूर्य नमस्कार में 12 आसन होते हैं इस में से प्रत्येक आसन एक निश्चित  श्वास के साथ किया जाता है जोकि एकाग्रता और सटीकता के साथ होता है जिससे आपके पूरे शरीर को वजन घटाने मैं मदद मिलती है

  • 6. अर्धमत्स्येन्द्रासन –



  • •  लाभ: अर्धमत्स्येन्द्रासन में बैठना आपके पेट और पीठ के लिए अच्छा माना जाता है छाती को फ़ैलाने से फेफड़ो को ऑक्सीजन ठीक मात्रा में मिलती है|

  • रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है। मेरुदंड का लचीलापन बढ़ता है।

  • •  अर्धमत्स्येन्द्रासन करने का तरीका – 

  • पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएँ, दोनों पैरों को साथ में रखें,रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
  • बाएँ पैर को मोड़ें और बाएँ पैर की एड़ी को दाहिने कूल्हे के पास रखें (या आप बाएँ पैर को सीधा भी रख सकते हैं)|
  • दाहिने पैर को बाएँ घुटने के ऊपर से सामने रखें।
  • बाएँ हाथ को दाहिने घुटने पर रखें और दाहिना हाथ पीछे रखें।
  • कमर, कन्धों व् गर्दन को दाहिनी तरफ से मोड़ते हुए दाहिने कंधे के ऊपर से देखें।
  • रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
  • इसी अवस्था को बनाए रखें ,लंबी , गहरी साधारण साँस लेते रहें।
  • साँस छोड़ते हुए, पहले दाहिने हाथ को ढीला छोड़े,फिर कमर,फिर छाती और अंत में गर्दन को। आराम से सीधे बैठ जाएँ।
  • दूसरी तरफ से प्रक्रिया को दोहराएँ।
  • साँस छोड़ते हुए सामने की ओर वापस आ जाएँ|



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