बाहर के साथ- साथ अंदर से भी बनें फिट, करें सुदर्शन क्रिया

KayaWell Icon

जब आप गुस्सा करते हैं या तनाव और अवसाद से ग्रसित होते हैं इसके अलावा जब आप नकारात्मक सोच से घिरे होते हैं तो इसका सबसे बुरा आप पर ही यानी आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिसके कारण आप दिन प्रतिदिन बीमार होते चले जाते हैं। और फिर एक दिन ऐसा भी आता है कि आप अस्पताल का चक्कर लगाने लग जाते हैं। लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नही है क्यों कि सुदर्शन क्रिया के माध्यम से आप अपने वास्तविक रूप में एक खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं, इससे आपकी फिटनेस अंदरूनी रूप से फिट रहेगी। किसी भी तरह की बीमारी आप से कोसों दूर रहेंगे।


क्या है सुदर्शन क्रिया

‘सु’ का अर्थ है अच्छा या सही, ‘दर्शन’ का अर्थ है साक्षात्कार और ‘क्रिया’ एक ऐसा अभ्यास है जो शुद्धि प्रदान करता है। सुदर्शन क्रिया शुद्धिकरण की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अभ्यास से हमें अपने वास्तविक स्वरूप का साक्षात्कार होता है। इस क्रिया का अभ्यास हमारे शरीर, मन और आत्मा में एक लय और समन्वयता स्थापित करने में सहायता करता है। अतः सुदर्शन क्रिया एक सांस लेने की लयात्मक, शक्तिशाली और स्वास्थ्यवर्धक विधि है। 

ये क्रिया 90 प्रतिशत शरीर के विषाक्त पदार्थ और तनावों को दूरकर प्रतिदिन प्राण को उच्च करती है। जो लोग इस क्रिया को प्रतिदिन करते हैं वे उच्च प्रतिरक्षा शक्ति, सहनशक्ति और लगातार बढ़ी हुई ऊर्जा अनुभव करते हैं। इसका नियमित अभ्यास आपकी निरोगता को बढ़ाकर आपको जीवनभर स्वस्थ और प्रसन्न रखता है।


सुदर्शन क्रिया का रहस्य

जन्म लेते ही हम जो पहला काम करते है वो है श्वास लेना। श्वास में जीवन के अनजाने रहस्य छिपे है। सुदर्शन क्रिया एक सहज लयबद्ध शक्तिशाली तकनीक है जो विशिष्ट प्राकृतिक श्वांस की लयों के प्रयोग से शरीर, मन और भावनाओं को एक ताल में लाती है। यह तकनीक तनाव, थकान और नकारात्मक भाव जैसे क्रोध, निराशा, अवसाद से मुक्त कर शांत व एकाग्र मन, ऊर्जित शरीर, और एक गहरे विश्राम में लाती है।

सुदर्शन क्रिया जीवन को एक विशिष्ट गहराई प्रदान करती है, इसके रहस्यों को उजागर करती है। यह एक अध्यात्मिक खोज है जो हमें अनंत की एक झलक देती है। सुदर्शन क्रिया स्वास्थ्य, प्रसन्नता, शांति और जीवन से परेके ज्ञान का अनजाना रहस्य है!


सुदर्शन क्रिया कैसे करें

आपको बता दें कि सुदर्शन क्रिया आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा कराई जाती है, इसके प्रशिक्षण शिविरों में सुदर्शन क्रिया का बेसिक कोर्स कराया जाता है। संस्था के योग गुरू निर्भय सिंह राजपूत के मुताबिक, रोजाना सुबह घर पर सुदर्शन क्रिया का पूरा अभ्यास करने में तकरीबन 45 मिनट का वक्त लगता है। क्रिया के अंत में शवासन में लेटना होता है। क्रिया कर लेने के बाद मन बेहद शांत हो जाता है। इसका लगातार अभ्यास हमें सिखाता है कि वर्तमान में कैसे रहा जाए। ज्यादा एनर्जेटिक रहने के अलावा, मुश्किल परिस्थितयों से लड़ने की क्षमता जाग्रत होती है। योग गुरू के मुताबिक बिना प्रशिक्षण के इस क्रिया को न करें।

Sponsored

;