कब्ज के लिए उच्च फाइबर फल और खाद्य पदार्थ

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कब्ज के लिए उच्च फाइबर फल और खाद्य पदार्थ
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कब्ज के लिए उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ बहुत ही लाभदायक होते हैं कब्‍ज आज के समय में आम समस्‍या बनती जा रही है। कब्‍ज को रोकने के लिए उच्‍च फाइबर फलों का सेवन करना चाहिए। क्‍योंकि कब्‍ज का प्रमुख कारण है आपका खान-पान होता है। कब्‍ज तब होता है जब आपके द्वारा खाया हुआ भोजन धीरे-धीरे पचता है। चूंकि भोजन की बड़ी मात्रा आपकी छोटी आंत से होते हुए बड़ी आंत में जाती है। इसलिए आपके भोजन के पोषक तत्‍वों को छोटी आंत में ही अवशोषित कर लिया जाता है। बड़ी आंत की भूमिका केवल अतिरिक्‍त पानी निकालना है। जब मल बड़ी आंत से होता हुआ धीरे-धीरे नीचे की तरफ आता है, तो अधिकांश पानी अवशोषित कर लिया जाता है।  इससे मल शुष्‍क और कठोर हो जाता है। जिसे उत्‍सर्जित करने में आपको बहुत दिक्‍कत होती है। यही कब्‍ज का कारण बनता है।

♣ कब्‍ज से राहत पाने के लिए पपीता – 

पपीते में पाया जाने वाला पेपेन एंजाइम  प्रोटीन को पचाने में आसान बनाता है। लोग पपीता को कब्ज और इर्रिटेबिल बोवेल सिंड्रोम  जैसी अन्य लक्षणों के लिए एक आसान उपाय मानते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि, 40 दिनों के लिए पपीता आधारित आहार लेने वाले लोगों में कब्ज में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया था।


♣  कब्‍ज के लिए फायदेमंद है एलोवेरा जूस –

यह बोतलबंद पेय पदार्थ शरीर को ऊर्जा दिलाने के लिए नारियल जूस की तरह शक्तिशाली होता है। यहां पर एलोवेरा जूस की बात हो रही है जो कि फाइबर से भरपूर होता है। एलोवेरा में कुछ ऐसे गुण भी होते हैं पेट की सफाई के लिए फायदेमंद होते हैं। पारंपरिक रूप से पेट साफ करने वाले उत्पादों में ऐलोवेरा को शामिल किया जाता है। कुछ विशेषज्ञों का सुझाव है कि यदि आप कब्‍ज से परेशान हैं तो एलोवेरा जूस का 2 औंस (लगभग 56 ग्राम) से शुरु करें और धीरे-धीरे यह मात्रा 8 औंस तक ले जाएं। यह आपको कब्‍ज से राहत दिलाने में मदद करता है।

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♣ कब्‍ज से राहत दिलाए संतरा – 

यदि आपको पाचन और कब्‍ज संबंधि समस्‍या है तो इसका उपचार आप फाइबर युक्‍त फलों से कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने नियमित आहार में 1 बड़े रसदार संतरे को शामिल कर सकते हैं। क्‍योंकि एक बड़े नारंगी में 86 कैलोरी के साथ 4 ग्राम फाइबर उपलब्‍ध होता है। इसके अलावा इन साइट्रस फलों में फ्लेवोनोल होता है जिसे नारिंगेनिन (naringenin) कहा जाता है। एक पशु अध्‍ययन के अनुसार कब्‍ज के इलाज के लिए इसे रेचक (laxative) की तरह उपयोग किया जा सकता है।


♣ कब्‍ज को दूर करे फाइबर युक्‍त ओटमेल – 

दुनिया में ओटमेल को घुलनशील और अधुलनशील फाइबर का सबसे अच्‍छा स्रोत माना जाता है। आधे कप सूखे जई में अघुलनशील फाइबर 2 ग्राम और घुलनशील फाइबर की 2 ग्राम मात्रा होती है। अघुलनशील फाइबर मल को ढीला कर सकता है और पेट और आंतों के माध्‍यम से भोजन को अधिक तेजी से पारित करने में मदद करता है। जबकि घुलनशील फाइबर पानी में घुल जाता है और एक जेल जैसी सामग्री बनाता है। इस प्रकार ये दोनो प्रकार के फाइबर आपस में मिलकर मल को नरम बनाते हैं और मल त्‍याग को आसान बनाते हैं। कब्‍ज की परेशानी से बचने के लिए ओटमेल को आहार में शामिल किया जा सकता है।


♣ कब्ज दूर करने के लिए अंरड़ी का तेल –

अरंडी का तेल कब्ज का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग आंत्र परीक्षण या सर्जरी से पहले आंतों को साफ करने के लिए भी किया जा सकता है। केस्टर तेल को लैक्सेटिव (laxative) उत्तेजक के रूप में जाना जाता है। यह आंतों की क्रिया को बढ़ाकर, मल को बाहर निकलने में मदद करता है।

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♣ कब्‍ज की दवा आलू बुखारा  – 

यदि आप कब्‍ज से परेशान हैं तो परेशान न हों। आप इसके उपचार के लिए उन खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिनमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। आलू बुखारा भी इसी प्रकार के फलों में से एक है। जो कब्‍ज के प्राकृतिक इलाज में हमारी मदद कर सकता है। आलू बुखारा में फाइबर की उच्‍च मात्रा होती है जिसमें 2 ग्राम फाइबर प्रति 1-औंस (लगभग 28 ग्राम) होता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि नियमित रूप से दिन में 3 आलू बुखारा का सेवन किया जाना चाहिए। यह आपकी दैनिक आवश्‍यकता का लगभग 8 प्रतिशत फाइबर उपलब्‍ध करा सकता है।

आलू बुखारा में अघुलनशील फाइबर होता है जो कि सेलूलोज के नाम से जाना जाता है। यह मल में पानी की मात्रा को बढ़ाता है। इसके अलावा आलू बुखारा में मौजूद घुलनशील फाइबर शरीर में फैटी एसिड का उत्पादन करने में मदद करता है। इस तरह से आप नियमित आहार में आलू बुखारा को शामिल करके कब्‍ज से बच सकते हैं।


♣ अलसी के बीज दिलाएं कब्‍ज से राहत –

फाइबर की उच्‍च मात्रा के कारण अलसी के बीज कब्‍ज का इलाज कर सकते हैं। अलसी के केवल 1 चम्‍मच में 2 ग्राम फाइबर होता है। यह देखने में कम लगता है लेकिन यह आपको कब्‍ज से राहत दिलाने में भरपूर मदद कर सकते हैं। आप नियमित रूप से इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप ओटमेल या सलाद आदि उच्‍च फाइबर आहार के साथ मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है। लेकिन ध्‍यान दें कि अलसी के सबूत बीजों का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। क्‍योंकि आपका शरीर उन्‍हें पचा नहीं सकता है। इसका मतलब यह है कि इसका सेवन करने पर यह बिना पोषक तत्‍वों को उपलब्‍ध किये ही मल के साथ बाहर आ जाएगा। इसलिए इसके पोषक तत्‍वों को प्राप्‍त करने के लिए इसे किसी ग्राइंडर में पीस कर उपभोग करें।

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