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कड़वा करेला है औषधीय गुणों से भरा

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करेला अपनी कड़वाहट के लिए तो जाना ही जाता है , लेकिन इसके गुण इसकी कड़वाहट में ही छिपे होते है। गुणकारी होने के कारण ही करेला सब्जियों में एक विशेष स्थान रखता है। आयुर्वेद के अनुसार भोजन में सभी प्रकार के रस शामिल होने चाहिए जैसे मीठा , कसैला , खारा , खट्टा तथा कड़वा आदि। करेले को भोजन में शामिल करने से कड़वा रस  प्राप्त हो सकता है। यह शरीर के लिए लाभदायक होता है। विशेषकर डायबिटीज के लिए करेला बहुत महत्त्व रखता है। लेकिन यदि सावधानी पूर्वक इस्तेमाल नहीं किया जाये तो यह नुकसानदेह भी हो सकता है।

—  करेले का छिलका चाक़ू से खुरच कर या पीलर की मदद से निकाल दें। इस पर नमक लगाकर एक घंटे के लिए रख दें। इसके बाद निचोड़कर पानी निकाले। अब इनकी सब्जी बनाने पर सब्जी में कड़वाहट कम हो जाएगी।
—  करेले को छिलका निकाल कर छाछ में भिगो दें। चार पाँच घंटे भीगने के बाद छाछ में से निकालकर साफ कपड़े से पोंछ लें। इनकी सब्जी बनायें। कड़वाहट नहीं होगी।
— करेले को छीलकर नमक मिले हुए पानी में उबाल लें। उबलने के बाद करेले पानी से निकाल लें। अब इनकी सब्जी बनाएंगे तो कड़वी नहीं लगेगी।
मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण
करेला मधुमेह में रामबाण औषधि का काम करता है। करेले के टुकड़ों को छाया में सुखाकर पीसकर महीन पाउडर बना लें। रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच पाउडर का पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। एक-चौथाई कप करेले के रस में समान मात्रा में गाजर का रस मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। 10 ग्राम करेले के रस में शहद मिलाकर रोजाना पीने से मधुमेह नियंत्रण में रहता है। 10 ग्राम करेले के रस में 6 ग्राम तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर रोज सुबह खाली पेट पीना लाभकारी है। एक करेले को एक कप पानी में अच्छी तरह उबालकर पिएं। आप इसमें हरे सेब का रस, आंवले का रस या 2-3 चुटकी हींग मिलाकर पी सकते हैं।
त्वचा रोग में भी लाभकारी
इसमें मौजूद बिटर्स और एल्केलाइड तत्व रक्त शोधक का काम करते हैं। करेले की सब्जी खाने और मिक्सी में पीस कर बना लेप रात में सोते समय लगाने से फोड़े-फुंसी और त्वचा रोग नहीं होते। दाद, खाज, खुजली, सियोरोसिस जैसे त्वचा रोगों में करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीना फायदेमंद है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
करेले में मौजूद खनिज और विटामिन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं जिससे कैंसर जैसी बीमारी का मुकाबला भी किया जा सकता है।
जोड़ों के दर्द से राहत दे
गठिया या जोड़ों के दर्द में करेले की सब्जी खाने और दर्द वाली जगह पर करेले की पत्तों के रस से मालिश करने से आराम मिलता है।
उल्टी-दस्त में फायदेमंद
करेले के तीन बीज और तीन काली मिर्च को घिसकर पानी मिलाकर पिलाने से उल्टी-दस्त बंद हो जाते हैं। अम्लपित्त के रोगी जिन्हें भोजन से पहले उल्टियां होने की शिकायत रहती है, करेले के पत्तों को सेंककर सेंधा नमक मिलाकर खाने से फायदा होता है।
मोटापा से राहत दिलाए
करेले का रस और एक नींबू का रस मिलाकर सुबह सेवन करने से शरीर में उत्पन्न टॉकसिंस और अनावश्यक वसा कम होती है और मोटापा दूर होता है।
पथरी रोगियों के लिए अमृत
पथरी रोगियों को दो करेले का रस पीने और करेले की सब्जी खाने से आराम मिलता है। इससे पथरी गलकर बाहर निकल जाती है। 20 ग्राम करेले के रस में शहद मिलाकर पीने से पथरी गल कर पेशाब के रास्ते निकल जाती है। इसके पत्तों के 50 मिलीलीटर रस में थोड़ी-सी हींग मिलाकर पीने से पेशाब खुलकर आता है।
हैजे में राहत
हैजे के रोगी को करेले के रस में प्याज का रस और कुछ बूंदे नींबू का रस मिलाकर देना लाभदायक है।
खूनी बवासीर में आराम मिलता है
करेले और पत्तों का रस एक चम्मच शक्कर मिलाकर पीने से खूनी बवासीर में आराम मिलता है।
त्वचा रोग में राहत दे
करेले के पत्तों को पत्थर पर घिसकर चटनी जैसा बनाकर लेप लगाने से त्वचा के रोग ठीक हो जाते हैं। इससे आग से जलने से होने वाले घावों में भी आराम मिलता है।
सिरदर्द में करेले के रस का लेप लगाएं
सिरदर्द होने पर करेले के रस का लेप लगाने से आराम मिलता है।
मुंह में छाले हैं, करेले के रस से कुल्ला करें
मुंह में छाले होने पर करेले के रस का कुल्ला करना फायदेमंद है।
रतौंधी में राहत दे
करेले के रस में पिसी काली मिर्च अच्छी तरह मिलाएं। यह लेप आंखों के बाहरी हिस्से पर लगाने से रतौंधी की बीमारी दूर होती है।
जिगर को ठीक करे
जिन बच्चों का जिगर खराब होता है,पेट साफ नहीं होता और पानी पीने से पेट फूल जाता है। उन्हें आयु के हिसाब से एक या आधा चम्मच करेले का रस में पानी मिलाकर पिलाने से बढ़ा हुआ जिगर ठीक हो जाता है और पेट में भरा पानी साफ हो जाता है।
पेट के कीड़े साफ हो जाएंगे
एक बड़ा चम्मच करेले के पत्तियों के रस को एक गिलास छाछ में मिलाकर लेने से पेट के कीड़ों से छुटकारा मिल सकता है।
पीलिया में अचूक 
पीलिया और मलेरिया जैसे बुखार में करेले को पीसकर निकाले गए रस को दिन में दो बार पिलाना चाहिए। पीलिया में कच्चा करेला पीसकर खाना फायदेमंद है।
खसरा है, इसे अजमाएं
खसरा होने पर दो चम्मच करेले के रस में एक चम्मच शहद और दो चुटकी हल्दी मिलाकर दिन में दो बार लेना फायदेमंद है।
अस्थमा में आराम दे
एक कप पानी में दो चम्मच करेले का रस, तुलसी के पत्तों का रस और शहद मिलाकर रात में सोते समय पीने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों में आराम मिलता है।
—  गर्भावस्था में हों  , या गर्भधारण चाहते हों तो करेले का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके कारण गर्भपात हो सकता है। स्तनपान कराने वाली महिला को भी करेले के उपयोग से बचना चाहिए।
—  करेले के अधिक सेवन से पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी विपरीत असर पड़ सकता है।
—  यदि निकट समय में सर्जरी कराई हो , व्रत कर रहे हों , या किसी कारण से रक्त स्राव हुआ हो तो करेले का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह चक्कर आने या बेहोशी का कारण बन सकता है क्योकि करेला रक्त में शक्कर की मात्रा को कम कर देता है।
— करेले की प्रकृति गर्म और खुश्क होती है। अतः गर्मी के मौसम में इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए।
—  लीवर या गुर्दे की समस्या से ग्रस्त हों तो करेले का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
—  करेले का बहुत ज्यादा उपयोग नहीं करना चाहिए अन्यथा पेट में दर्द , सिर दर्द , चक्कर आना आदि परेशानी हो सकती है।
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