सेम के फायदे और नुकसान

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सेम के फायदे और नुकसान
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सेम के फायदे और नुकसान
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हरी फली के रूप में जानी जाने वाली सेम बैंगनी से लेकर हल्के हरे रंग तक में उपलब्ध होती है. इसके प्रत्येक फली में 4-6 बीज होते हैं. इसमें 73.56% तांबा और 50.27% जस्ता शामिल है। 1 कप सेम में 4.6 मिलीग्राम आयरन, 15 9 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 233 मिलीग्राम फॉस्फोरस, 15.7 9 ग्राम प्रोटीन और 78 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है. इसकी खेती सबसे पहले अफ्रीका में की गई थी और अब उत्तरी अफ्रीका और एशिया में व्यापक रूप से इसकी खेती की जाती है। सेम के फूल बैंगनी या सफेद होते हैं. इसके लिए अच्छी तरह से सूखी हुई मिट्टी की आवश्यकता होती है. सेम का उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है. आइए सेम के फायदे और नुकसान को जानें। 

सेम के फायदे

सेम, जो आमतौर से मखाने के नाम से जाने जाते हैं, एक सुपरफूड है जो आपके स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। यह ना केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसमें कई सारे पोषण तत्व भी होते हैं जो हमारे शारीर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। 

1. मूड को अच्छा बनाने में

सेम में पाया जाने वाला प्रोटीन न्यूरोट्रांसमीटर के कार्यों में सहायता करता है और हार्मोन जैसे सरेरोटोनिन और डोपामाइन को संयोजित करता है जो हमें शांत करने में मदद करते हैं. ये ग्लूकोज को संतुलित करके चिड़चिड़ापन, मनोदशा और लालच को भी रोकता है।

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2. श्वसन विकार के लिए

इसमें पाए जाने वाले खनिज सेलेनियम, मैंगनीज और जस्ता आदि फेफड़े के विकार से पीड़ित लोगों की सहायता करते हैं. ऑक्सीडेटिव तनाव श्वसन विकार और पुरानी प्रतिरोधी फुफ्फुसीय रोग का कारण है. मैंगनीज ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके फेफड़ों को ठीक करने में मदद करता है।

3. अनिद्रा के उपचार में

इसमें मौजूद मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा नींद, कम स्तर के कोर्टिसोल और मेलाटोनिन की उच्च सांद्रता को बढ़ाने में मदद करती है. इसके अलावा लोहा की उपस्थिति से सुस्ती, कम सक्रिय और थकावट आदि समस्याएं दूर होती हैं।

4. मस्तिष्क के लिए

इसमें मौजूद तांबा थकान, खराब मूड, एकाग्रता की समस्या और कम चयापचय को ख़त्म करता है.इसमें एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण ये मुक्त कणों के कारण होने वाले नुकसान से भी बचाता है।

5. मांसपेशियों की ऐंठन कम करने में

इसमें पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम भी होता है जो मांसपेशियों की ऐंठन को कम करके इनके ताकत में सुधार करता है. इसके अलावा पोटेशियम तरल पदार्थ के स्तर को संतुलित करके मांसपेशियों को शांत भी करता है।

6. कैंसर के उपचार में

इसमें पाए जाने वाले जिंक में एंटीऑक्सिडेंट और सूजन को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं. इससे ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने और रोगों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है ये जिंक स्वस्थ कोशिका के विभाजन में सहायता करके कोशिकाओं के उत्परिवर्तन और ट्यूमर के विकास को रोकता है ।

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7. विटामिन के स्त्रोत के रूप में

सेम में विटामिन बी6, थाइमीन, पैंथोथेनिक एसिड और नियासिन पाए जाते हैं. इसमें बादाम के बराबर विटामिन-ई होता है. ये न्यूरो सिस्टम और ब्रेन संबंधी समस्यायों को ख़त्म करने का काम करता है।

8. पाचन को दुरुस्त करने में

सेम में मौजूद फाइबर पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अघुलनशील फाइबर मल को तोड़कर शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को निकालने में काफी सहायक है. यह सूजन, कब्ज और अपच को रोकने में भी मदद करता है. घुलनशील फाइबर पानी को अवशोषित करके पाचन को बढ़ाता है


9. हृदय स्वास्थ्य के लिए

ह्रदय के लिए आवश्यक कई तत्व इसमें पाए जाते हैं. एसिटाइलकोलाइन के उत्पादन के लिए विटामिन बी-1 महत्वपूर्ण है जो कि एक न्यूरोट्रांसमीटर है. ये तंत्रिकाओं से मांसपेशियों तक संदेश पहुंचाने का काम करता है. विटामिन बी 1 दिल की बीमारी का सामना करने में मदद और दिल की विफलता का भी इलाज कर सकता है।

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10. मसूड़ों को स्वस्थ रखने में

इसमें पाए जाने वाले विटामिन डी, कैल्शियम और फास्फोरस घनत्व, टुथ इनेमल का समर्थन करके हड्डी स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

सेम के नुकसान 1. अधिक मात्रा में सेवन से हो सकता है नुकसान हालांकि सेम का सेवन फायदेमंद है, लेकिन अगर इसे अधिक मात्रा में लिया जाए, तो यह उच्च कॉलेस्ट्रॉल और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। 2. एलर्जी का खतरा कुछ लोग सेम से एलर्जिक हो सकते हैं, जिससे त्वचा की खुजली, चकत्ते, और दर्द हो सकता है।

3. ऑवरडोज की संभावना

सेम में शुगर की मात्रा अच्छी होती है, लेकिन अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो इसे अधिक मात्रा में न लें, क्योंकि इससे शुगर की मात्रा बढ़ सकती है। 4. गैस और पेट की समस्याएं सेम में पाए जाने वाले अन्य संघटकों के कारण कुछ लोगों को गैस और पेट की समस्याएं हो सकती हैं। विशेषकर, जो लोग पाचन समस्याओं से पीड़ित हैं, उन्हें सेम से बचना चाहिए। 5. ऊर्जा की कमी हालांकि सेम में कई पोषण तत्व होते हैं, लेकिन यह अधिक मात्रा में लेने पर ऊर्जा की कमी का कारण बन सकता है। इसलिए, सेम को सही मात्रा में और साथ ही अन्य पौष्टिक आहार के साथ संतुलित रूप से लेना चाहिए।

6. स्थायिता से रहें बाजार में विभिन्न प्रकार के सेम मिलते हैं, जैसे कि रोस्टेड सेम, साल्टेड सेम, और स्पाइस्ड सेम। इनमें अधिक स्वाद और उपभोक्ता को प्राप्त होने वाली संतुलित पोषण में अंतर हो सकता है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपनी आदतें स्वस्थ रखने के लिए सेहतमंद रूप से सेम का इस्तेमाल कर रहे हैं।

संक्षेप

सेम एक स्वास्थ्यप्रद आहार है, लेकिन उसका सेवन मात्रा में रखना महत्वपूर्ण है। सेम का सेवन करना स्वास्थ्य के लाभों के साथ-साथ इसके नुकसानों को भी समझने की आवश्यकता है। सही मात्रा में और सुधारित आहार के साथ मिलकर ही हम सेम के सभी फायदों का उपयोग कर सकते हैं और उसके नुकसानों से बच सकते हैं। अगर किसी को किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्या हो, तो उन्हें डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

FAQ’s

1. क्या सेम खाने से वजन कम होता है?

जी हां, सेम वजन कम करने में सहायक हो सकती है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है और अस्वास्थ्यकर स्नैक्स खाने से रोकता है। इसके अतिरिक्त, सेम में कम कैलोरी होती है, जो वजन नियंत्रण के लिए भी फायदेमंद है।

2. क्या सेम मधुमेह रोगियों के लिए अच्छी है?

हां, सेम मधुमेह रोगियों के लिए एक अच्छा भोजन विकल्प है। इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) होता है, जिसका अर्थ है कि यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से नहीं बढ़ाएगा। इसके अलावा, सेम में फाइबर रक्त शर्करा के नियंत्रण में भी मदद कर सकता है।

3. क्या सेम का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?

हां, सेम का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है। यह फोलेट का एक अच्छा स्रोत है, जो जन्म दोषों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को कच्ची सेम खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे बैक्टीरिया से संक्रमण का खतरा हो सकता है।

4. सेम के क्या नुकसान हैं?

सेम के कुछ संभावित नुकसान हैं। इसमें कुछ लोगों को थोड़ी गैस और सूजन हो सकती है। इसके अलावा, सेम में कुछ लेक् होते हैं, जो प्रोटीन के एक प्रकार के होते हैं जो कुछ लोगों में पाचन समस्याओं का कारण बन सकते हैं। हालांकि, ज्यादातर लोगों के लिए, ये नुकसान हल्के होते हैं और सेम के फायदों से दूर नहीं लेते हैं।

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